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डॉ. दिव्यांशु पटेल का मिशन: जन-जागरूकता से रोगमुक्त भारत 2035

बाराबंकी, 05 जुलाई: भारत को रोगों से मुक्त करने और एक जागरूक, स्वच्छ व समृद्ध समाज की स्थापना की दिशा में कार्यरत ‘रोगमुक्त भारत मिशन 2035’ एक जनांदोलन का रूप लेता जा रहा है। इस मिशन के संस्थापक डॉ. दिव्यांशु पटेल का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं, बल्कि नागरिकों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और नैतिक जिम्मेदारी की चेतना जागृत करना है।

डॉ. पटेल का मानना है कि छोटे-छोटे व्यक्तिगत बदलाव समाज में दीर्घकालिक और सकारात्मक प्रभाव ला सकते हैं। “हम किसी से पैसा नहीं मांगते,” डॉ. पटेल स्पष्ट रूप से कहते हैं, “हम सिर्फ चाहते हैं कि लोग अपने जीवनशैली में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव करें, जिससे वे और उनके बच्चे स्वस्थ रह सकें।”

मिशन 2035: उद्देश्य और रणनीति

1. ध्यान और योग:

गाँव-गाँव में साधना और ध्यान की शिक्षा देकर तनाव, अपराध और नशे की प्रवृत्ति को कम करना। मिशन का मानना है कि मानसिक शांति सामाजिक स्थिरता की कुंजी है।

2. औषधीय पौधों का रोपण:

हर गाँव में अर्जुन, नीम, पीपल, मोरिंगा और बरगद जैसे औषधीय वृक्ष लगाए जाएंगे, जो वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ घरेलू चिकित्सा में सहायक होंगे।

3. स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार:

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु स्कूलों, गाँवों और वृद्धाश्रमों में स्वच्छता, पोषण और बीमारी की रोकथाम संबंधी जानकारी दी जाएगी।

4. गरीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग:

मिशन सभी स्कूलों से अपील करता है कि प्रत्येक कक्षा में कम से कम दो गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाए। “यदि हर स्कूल सिर्फ 12-15 बच्चों को मुफ्त पढ़ाए, तो लाखों बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है,” डॉ. पटेल कहते हैं।

5. समग्र उपचार और स्व-निदान की जानकारी:

लोगों को एलोपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, योग और पोषण जैसे विकल्पों के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि वे समय पर सही निर्णय ले सकें और बीमारियों से बचाव कर सकें।

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जनता से सीधी अपील

  • डॉ. पटेल की अपील बिल्कुल स्पष्ट है—”पैसा नहीं, सहभागिता चाहिए।”
  • वे जनता से निम्नलिखित सरल कार्य अपनाने का अनुरोध करते हैं:
  • अपने घर में कम से कम एक पौधा लगाएं
  • हर दिन कुछ मिनट मेडिटेशन करें

संतुलित आहार अपनाएं

किसी गरीब बच्चे की शिक्षा में सहयोग करें

अपने परिवार में स्वास्थ्य विषयों पर खुलकर चर्चा करें

उनका कहना है, “अगर आप यह छोटे-छोटे काम शुरू कर दें, तो आपका ही घर सबसे पहले रोगमुक्त होगा।”

“मुझे क्या फायदा?” — एक सवाल, एक प्रेरक उत्तर

लोग अक्सर पूछते हैं, “इस कार्य से डॉ. पटेल को क्या लाभ होता है?”

उनका जवाब सरल, सच्चा और गहराई लिए हुए है—

“मुझे बस किसी गरीब की आंखों में खुशी देखनी है। मेरा उद्देश्य सिर्फ यह बताना है कि आप अपनी और अपने बच्चों की सेहत के लिए खुद ही बहुत कुछ कर सकते हैं।”

एक छोटा कदम, एक बड़ा बदलाव

डॉ. पटेल का यह मिशन याद दिलाता है कि व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए छोटे-छोटे कदम देश की तस्वीर बदल सकते हैं:

आज एक पौधा लगाइए — कल आपका बच्चा स्वच्छ हवा में सांस लेगा

आज किसी गरीब बच्चे को पढ़ाइए — कल वही समाज में बदलाव लाएगा

आज दस मिनट ध्यान करिए — कल आपके जीवन में शांति आएगी

निष्कर्ष: जनभागीदारी से बनेगा रोगमुक्त भारत

‘रोगमुक्त भारत मिशन 2035’ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन है जो नागरिकों की सक्रिय सहभागिता और आत्म-जागरूकता से ही सफल होगा। डॉ. पटेल का यह प्रयास न सिर्फ प्रेरणास्पद है, बल्कि यह हमारे सामने एक रास्ता भी प्रस्तुत करता है—जहाँ सरकार से पहले हम खुद अपनी जिम्मेदारी समझें।

क्या आप तैयार हैं उस बदलाव का हिस्सा बनने के लिए, जो आपके अपने घर से शुरू हो सकता है?

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